1st Winning Entry
देखा उन्हें मूसलसल तो बस देखते ही रहे, पूछा जो उसने मेरा नाम तो बस कहते ही रहे, और ये अजीब इत्तेफ़ाक है के दिल को ज़ुबां नहीं है अए सैय्यद! चाहा जो लिखें इसका हाल तो बस लिखते ही रहे…❤️❤️
Sayed Parvez Ali
2nd Winning Entry
वो बेझा से ख्याल तेरे,
मुसलसल जहन में आते रहे
नींद गायब रही इन आंखों से,
हम खुली आंखों में तेरे सपने सजाते रहे…
Divya saxena
3rd Winning Entry
न जाने कैसी मोहब्बत के असर में हूँ ,
उसके दिल से क्या निकला ,
आज तक मुसलसल सफर में हूं
AFZAL
Special Winner
मुसलसल हादसों का कुछ यूँ रहा,
आईना तो वहीं रहा, पर चेहरा बदलता रहा😊
Shivangi singh
Comments are closed.