26/08/2023 की प्रतियोगिता का कोई विषय नहीं है लेखक अपने इक्षाअनुसार अपने पसंदीदा विषय पर लिख रहें हैं। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है
Title : Tapestry of Feelings.
In a tapestry of feelings, woven tight,
Emotions reside, hidden from sight.
Locked within, they silently dwell,
Aching to be released, but unable to tell.
A symphony of tears, flows within,
A heart weary, burdened by chagrin.
Crying in silence, day after day,
A soul longing to speak, but held at bay.
Words unspoken, suffocating the heart,
Lonely tears, tearing love apart.
Invisible cries whispered to the moon,
Aching sadness, hidden all too soon.
Yet through the tapestry, love still shines,
In each stitch, hope delicately intertwines.
For though we cannot express the pain we bear,
Our feelings, forever reside in there.
So let us embrace the joys and the sorrows,
For within, a masterpiece of emotions we borrow.
In this tapestry of feelings, we’ll find release,
And bid farewell to the silence, finding peace.
Written by ✍🏻Deep.
Insta: deep_widin
212 1222 212 1222
ग़ज़ल – मै शराब पीता हूँ 🥃
हाँ तुझे भुलाने को _ मैं शराब पीता हूँ
जा बता ज़माने को _ मैं शराब पीता हूँ
आदमी नशे में खुदको खुदा समझता हैं
बस ये आजमाने को _ मैं शराब पीता हूँ
वो तिरे लबो की कम्बख़त लत लगी थी जो
बस उसे मिटाने को _ मैं शराब पीता हूँ
मैं नशा नही करता दोस्तो के साथ मगर
दोस्ती निभाने को _ मैं शराब पीता हूँ
अब मुझे तो उसकी याद भी नही आती
झूठ ये छिपाने को _ मैं शराब पीता हूँ
आयुष जैन ✍️
IG : @ajaayu_13
As the theme & genre are open .Sharing my thoughts
on Souls from spiritual level ,law of attraction, souls reunions etc.
Whenever I attend a new conference, seminar or events.There are some souls attracted to me at the same time I feel I am getting attracted to some souls.
What is science behind this?????
As per law of universe & souls interaction The first principle states The person who comes into our life first may not be the right person or might be a perfect person. This is one of reasons where divorces happens as we human beings take decisions very fast to understand souls compatabilities. The other argument is no soul comes into our lives by chance, all the people around us, who interact with us, are there for a reason, to make us learn and advance in each situation.
Secondly Whatever happens is the only thing that could have happened.(Law of Karma).Thirdly law states Everything starts at the right time, neither before nor after.
& lastly it states when something ends, it ends.
Jawahar B Lalla
मजबूर
एक छोटे से इमारत के कमरे मे,
दिन रात मै रहती हु कैद,
बाबू सब हमसे मिलने आते,
पहने कोट काला और सफेद। ।
कर के बैर अपने घर पर,
मुझ पर निकालते है भड़ास,
अंदर से यह सारे है दानव,
चाहे बाहर से जैसा हो लिबास। ।
इस पापी पेट के चक्कर मे,
गिरवी हो गये मेरे सारे अंग,
यु तो शरीर रहता सज धज के,
पर मन हो गया है बिल्कुल अपंग। ।
जिस्म के चोट तो जल्दी ठीक होते,
पर ठीक ना होता मन का घाव,
एक अनंत बेबसी के सागर मे,
हताश सी चलती जीवन की नाव।।
S.B
नज़रिया ❤
तुम्हें कुछ कहूँ तो क्या तुम समझ पाओगे…
मेरा नज़रिया दिखाना चाहूँ तो क्या देख पाओगे…
जैसे मैने तुम्हें चाहा है क्या वैसी चाहत निभा पाओगे…
खुद से ये सवाल कभी एकांत में करना…
कुछ जवाब मुझसे पहले खुद को देना…
ये सारा सवाल समझ का ही तो है… नज़रिए का ही तो है…
जो रिश्ता हो कर भी तुम मेरे नही, मैं तुम्हारी नही…
पास हो कर भी साथ होने का एहसास नही…
समान समझ अगर हम इस रिश्ते की बना पाते तो सवाल जवाब नही बस एहसास होते… ❤
Blessed Bharti 😇
शीर्षक: एक अनोखी चोरी
Genre: poem
सच कहूं तो मैं एक चोरी करना चाहती हूं,
अरे अरे ऐसे चौंको मत, अभी बताती हूं।
मुझे ज़िंदगी से कुछ लम्हें चुराने हैं,
अपने सपने थोड़े और संवारने हैं।
ज़िंदगी थोड़ी और जीनी है,
खुशी की कुछ घूंट और पीनी हैं।
ज़िन्दगी से हंस कर मिलना है,
इस बार बिखरना नहीं, खिलना है।
थोड़े ख्याल और करने हैं,
मुझे खुद से कुछ सवाल करने हैं।
इस बार ज़िंदगी को गले लगाना है,
हर एक पल को अपना बनाना है।
रूठ गई थी जो ज़िंदगी मुझसे,
उसे प्यार से मनाना है।
हर एक पल मुझे सहज कर रखना है,
ज़िन्दगी के हर पढाव का स्वाद चखना है।
ज़िन्दगी से मिल कर उसे कुछ समझाना चाहती हूं,
हां मैं एक चोरी करना चाहती हूं। ।
Name: Devanshi Gaur
Insta handle: kya_yaar_devanshi
चिडिया से बतियाती औरत ….
ओ नन्ही सी चिड़िया ।
तुम इतनी -सी होकर भी
कितनी बड़ी हो
जब चाहती हो
चहचहाती हो
जब चाहती हो
उड़ जाती हो..
औ’ छूकर आती हो आकाश
अपनी क्षमता भर गाती हो
गुनगुनाती हो
मुक्त कंठ से खिलखिलाती हो
कोई नही है तुम्हे रोकने टोकने वाला
नही है तुम पर
कोई बंधन परम्पराओं का
अपने जीवन पर
तुम्हारा है पूर्ण अधिकार
काश । मैं भी
एक नन्ही सी चिड़िया होती ।
Karishma baghari ….
ताक़त भी भला क्या शय होती है
चढ़ी हुई दिमाग को माय होती है
समझाये-समझ नहीं आती बात
मियाद मगर इसकी तय होती है
ज़िल्लत जदा होता है हैंगओवर
पछतावो की जब केय होती है
इसे सजोये रखना ही हयात है
इसी से तो लाइफ में लय होती है
खुद को वजीर समझने की भूल में
पियादो से ही अक्सर शय होती है
होती है अमानत यह वक्त की लईक
और वक्त में ही यह विलय होती है
Laique ahmad ansari
Laique_a _ansari
महसूस तो करके देखो
अगर तुम्हे कोई बाँध कर रखे तो तुम्हें कैसा लगेगा,
मुझे तो पिंजरे में बंद किसी बेसहारा पंछी जैसा लगेगा।
अगर तुम उसके बाद खोल कर छोड़ दिये जाओ तो तुम्हें कैसा लगेगा,
हर कुछ नया-नया जैसा लगेगा।
तुम्हारी नई उड़ान होगी,
जग में ना कोई पहचान होगी।
तुम नई दुनिया देखने निकलोगे,
कभी दुसरो के जाल में भी फिसलोगे।
पर हर मोड़ पर तुम्हें नया तजुर्बा मिलेगा,
जिसे पाकर तुम्हारा जीवन खिलेगा।
तुम इतना कुछ सिखोगे,
कि कभी पीछे मुड़कर ना देखोगे।
तुम खुद को इतना आज़ाद पाओगे,
कि अपने सभी काम खुद बेझिझक कर पाओगे,
कभी किसी के आगे खुद के काम की अनुमति के लिए भी हाथ ना फैलाओगे,
और पुरी दुनिया में भी जाने जाओगे।
~Nitika
Insta id – nitik_a810
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